शक्तिफार्म। उत्तराखंड का लोक पर्व फूलदेई, क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। लोक पर्व फूलदेई के प्रति पर्वतीय समाज के लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। इस पर्व पर नन्हे मुन्ने बच्चे लोक गीत को गाते हुए हर घर के दहलीज पर फूल चावल डालते हैं। जहां घर के लोगों द्वारा बच्चों को उपहार में गुड़, चावल व दक्षिणा दी जाती हैं। फूलदेई भी प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने वाला त्यौहार है। जो बसन्त ऋतु के स्वागत का प्रतीक है। यह नए साल, नई ऋतुओं व नए फूलों के आने का संदेश लाने वाला त्यौहार है। यह उत्तराखंड का लोक पर्व है, जिसे गांवों और कस्बों में मनाया जाता है। इस दिन छोटे-छोटे बच्चे, सुबह-सुबह जंगली फूल और फलों को चुनकर लाते हैं औऱ फिर, एक थाली या टोकरी में इन्हें सजाकर इनके साथ चावल और नारियल आदि लेकर हर घर की देहरी पर लोकगीत को गाते हुए देहरी की पूजा करते हैं। जिसके फलस्वरुप घर का मुखिया उनको चावल, गुड़ या अन्य दक्षिणा देकर विदा करता है। ग्रामसभा तिलियापुर के आनंद नगर में पर्वतीय समाज के लोगों ने फूलदेई लोक पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया।