सितारगंज। दि किसान सहकारी चीनी मिल के लगातार न चलने से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। इसी को लेकर मिल के तकनीकी कार्यों के संचालन के लिए अधिकृत कंपनी आईसीसीपीएल व कृषक प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक में तय किया गया कि फिलहाल मिल की पेराई क्षमता 17 से 18 हजार कुंतल प्रतिदिन रखी जायेगी। साथ ही पेराई सुचारू न होने पर गन्ना अन्य चीनी मिलों को डायवर्ट किया जायेगा। बैठक में तय हुआ कि मिल की पेराई दर ब्वायलिंग हाउस की प्रोसेस को सामान्य करते हुये 17 से 18 हजार कुंतल प्रतिदिन रखी जायेगी। करीब 15 दिन बाद पिचके हुये पैन की मरम्मत के बाद पेराई क्षमता 20 से 22 हजार कुंतल प्रतिदिन की जायेगी। खराब मौसम को देखते हुये मिल की महत्वपूर्ण मशीनरी, संयंत्रों, विद्युत उपकरणों, भंडारण अन्य को सुरक्षित रखने के लिए तिरपाल से ढकने की व्यवस्था की जायेगी। यह भी तय किया गया कि डीबी आदि को पानी से सुरक्षित रखने के लिए पीवीसी शीट व यथोचित वाटर प्रुफिंग की जायेगी। संबंधित विभागों में काम करने के लिए निर्धारित योग्यतानुसार स्टाफ रखा जायेगा। बैगास की रिजर्व उपलब्धता निरंतर बनाये रखी जायेगी। कहा गया कि अधिक देर तक मिल बंद होने की दशा में अधिकाधिक मात्रा में गन्ना पटले पर अनलोड किया जायेगा व मिल सुचारू न होने पर गन्ना अन्य मिलों को प्रत्यावर्तित किया जायेगा। मिल प्रबंधन गन्ना मूल्य का भुगतान तत्काल करवाने का प्रयास करेगा। बैठक में मिल के प्रधान प्रबंधक आरके सेठ, राजीव कुमार अरोरा, विनय कुलश्रेष्ठ, अंजुल मिश्रा, अतुल दुबे, महेश चंद्रा, अनिरूद्ध राय, अमरीक साहनी, मनजिंदर सिंह भुल्लर, राजेन्द्र सिंह, निशान सिंह, हरबीर सिंह, गुरजिंदर सिंह, शिवशंकर यादव, प्रभदीप सिंह, बहादुर सिंह आदि मौजूद रहे।
सितारगंज:—मशीनें दुरूस्त न होने से चीनी मिल की पेराई क्षमता घटाई
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