सितारगंज। श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में कहा गया कि सिखों ने देश व धर्म की रक्षा के लिए अनेक बलिदान दिये। सिख गुरु परंपरा देश का गौरव है। यहां महाराजा अग्रसेन धर्मार्थ ट्रस्ट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से आयोजित कार्यक्रम सिख पंथ के नवम गुरु श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के जीवन, त्याग, बलिदान का गुणगान किया गया। इस विषय पर हुई संगोष्ठी में मुख्य वक्ता किसान आयोग के उपाध्यक्ष सरदार राजपाल सिंह ने कहा कि सभी को सिख इतिहास को पढ़ना चाहिए। जहां—जहां लोग अपने इतिहास को भूलते हैं वहीं पर हानि पहुंचती है। उनका कहना था कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की तीन पीढ़ियों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर हिंदू धर्म, देश व संस्कृति की रक्षा की। इसीलिए उन्हें सरबंसदानी भी कहा जाता है। विवेक विसेन ने कहा कि सिखों ने देश व धर्म की रक्षा के लिए अनेक बलिदान दिए। सिख गुरु परंपरा देश का गौरव हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष इकबाल सिंह लाडी ने की व विशिष्ट अतिथि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सुखवीर सिंह बेदी रहे। कार्यक्रम का संचालन सोप्रीत सिंह भाटिया ने जबकि कार्यक्रम का संयोजन सर्वजीत सिंह माटा ने किया। कार्यक्रम में आरके माटा स्कूल व होली सेपियंस स्कूल के बच्चों ने शबद कीर्तन से गुरूओं की महिमा का गुणगान किया। इस मौके पर हेमंत कुमार बोरा, सतीश उपाध्याय, राजेंद्र मित्तल, अनिल गर्ग, राकेश त्यागी, कमल जिन्दल, विशन दत्त जोशी, भूपेंद्र मटियाली, अमृतपाल सिंह ढिल्लों, अनिल गुप्ता, दीपक गुप्ता, श्रीपाल सिंह राणा आदि मौजूद रहे।
सितारगंज:—देश व धर्म की रक्षा के लिए सिखों ने दिये अनेक बलिदान
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