सितारगंज। नानकमत्ता के भाजपा नेता मुकेश राणा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। उनका आरोप है कि पार्टी में निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है। वह 26 वर्ष से पार्टी से जुड़े थे व विभिन्न पदों पर भी रहे थे।
राणा ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को भेजे त्यागपत्र में कहा है कि पार्टी में 25 वर्ष से निःस्वार्थ सेवा करने के उपरान्त शीर्ष व प्रदेश नेतृत्व द्वारा लगातार समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है। उनका आरोप है कि पार्टी दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, मुस्लिमों, राय सिखों, किसानों व थारू जनजाति का शोषण करने वाले व्यक्ति को ही बार-बार विधानसभा का टिकट दे रही है। यह भी आरोप लगाया गया कि पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा व अनदेखी की जा रही है। मुकेश के अनुसार वह इसी से दुखी होकर भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहे है। राणा के मुताबिक उन्होंने वर्ष 1996 में पार्टी प्रत्याशी इला पंत को विजयी बनाने में सक्रिय भागीदारी निभाई थी। इसके बाद प्रकाश पंत को एमएलसी चुनाव में जिताने के लिए भी कड़ी मेहनत की। राज्य निर्माण आंदोलन में भी उनकी काफी भागीदारी रही। वह वर्ष 2004 से 06 तक भाजपा नानकमत्ता के मंडल उपाध्यक्ष, 2006 से 09 तक मंडल मंत्री, वर्ष 2009 में नानकमत्ता के विधानसभा संयोजक, वर्ष 2009 से 2012 तक मंडल अध्यक्ष, वर्ष 2012 से 15 तक भाजपा जनजाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री रहे। उन्होंने वर्ष 2013 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में प्रवासी कार्यकर्ता के रूप में चार माह व वर्ष 2014 में झारखंड विधानसभा चुनाव में तीन माह का समय दिया। वह वर्ष 2015 से सदस्य प्रांतीय परिषद उत्तराखंड रहे। वर्ष 2016 में बिहार विधानसभा चुनाव में चार माह, वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में चार माह रहे। वर्ष 2019 के लोक सभा चुनाव में अजय भट्ट को जिताने में अहम भूमिका निभाई। वह 2003 से 2008 तक क्षेत्र पंचायत सदस्य भी रहे है। मुकेश के त्यागपत्र से नानकमत्ता में भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। इससे पूर्व टिकट की लाइन में खड़े श्रीपाल राणा ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर नानकमत्ता में भाजपा की पेशानी पर बल डाल दिये है।
बिग ब्रेकिंग—नानकमत्ता के भाजपा नेता मुकेश राणा ने दिया इस्तीफा, 25 वर्ष से जुड़े थे पार्टी से
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