सितारगंज। भगवान बिरसा मुंडा की पावन जयंती के अवसर पर बारा राणा छात्रावास सिडकुल में जनजातीय गौरव दिवस मनाया गया। कार्यकम का शुभारंभ मुख्य अतिथि सुरेश पाण्डेय विशिष्ट अतिथि आरके गुप्ता, संदीप चावला, वरिष्ठ समाजसेवी महेश मित्तल व श्रीपाल राणा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मुख्य वक्ता सुरेश पाण्डेय ने भगवान बिरसा मुंडा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान बिरसा मुंडा शौर्य एवं पराक्रम के प्रतीक हैं। उन्होंने न केवल अंग्रेजों की पराधीनता के विरुद्ध स्वतंत्रता के संघर्ष का शंखनाद किया बल्कि समाज को संगठित कर राष्ट्र के लिए बलिदान देने वाले स्वाधीनता सेनानी तैयार किए। भगवान बिरसा मुंडा ने समाज की बुराइयों पर नियंत्रण एवं सुधार के लिए भी अपना योगदान दिया। जिसने अपने मात्र 25 वर्ष के जीवन में देश के लिए बलिदान देकर राष्ट्र रक्षा का संकल्प लिया और उसके लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। वरिष्ठ समाजसेवी मित्तल ने कहा कि राष्ट्र के ऐसे क्रान्तिसूर्य के शौर्य एवं पराक्रम पर सभी को गर्व करने की आवश्यकता है। भगवान बिरसा मुंडा जी की जन्म जयंती पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री ने इस दिन को “जनजातीय गौरव दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लेकर भारत की सभी जनजातियों को सम्मान दिया है। कार्यक्रम में थारू जनजाति के बच्चों व महिलाओं ने पारंपरिक नृत्य के माध्यम से अपनी संस्कृति की सुंदर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में नगर संघ चालक हुकम चंद, सह संघ चालक सुरेश जोशी, राजेंद्र मित्तल, नर सिंह राणा, अविनाश त्रिवेदी, सुरेश सिंघल, अनिल मित्तल, महेश राणा आदि मौजूद रहे। संचालन सुरेश राणा ने किया।
सितारगंज:—भगवान बिरसा मुंडा शौर्य एवं पराक्रम के प्रतीक:पांडेय
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