शक्तिफार्म। ग्राम सभा तिलियापुर में केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, देहरादून द्वारा आयोजित 14 सप्ताह तक चला किसान खेत पाठशाला कार्यक्रम का विधिवत समापन हुआ। तिलियापुर में भारत सरकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय अधिनस्थ वनस्पति संरक्षण, संगरोध व संग्रह निदेशालय के केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, देहरादून से सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी डा. किरन नेगी ने धान की फसल पर एकीकृत नाशीजीव प्रबोधन पर जुलाई के प्रथम सप्ताह से चलाए जा रहे पर चौदह हफ़्तों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया। डा. नेगी ने किसानों को धान में आने वाले कीटों, व्याधि एवं खर पतवार की पहचान व उनके एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन के बारे में बताया। उन्होंने बताया की कैसे फसल की शुरूवात से अंत तक आईपीएम की विभिन विधियां (व्यवहारिक, यांत्रिक, जैविक एवं रासायनिक नियंत्रण) अपना कर कीटनाशकों पर निर्भरता कम की जा सकती है। कीटनाशकों का मित्र कीट, पर्यावरण, मनुष्य इत्यादि पर होने वाले विपरीत प्रभाव की भी जानकारी दी गयी। पर्यावरण का संतुलन बनाये रखने तथा रसायन मुक्त खाना खाने के लिये किसानों को आईपीएम की विधियां को अपनाने को कहा गया। कार्यक्रम मे किसानों को केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, देहरादून की तरफ से ट्राइकोडर्मा एवं स्यूडोमोनास पाउडर, दरांती, स्टिकी ट्रैप, फिरोमोन ट्रैप व आईपीएम किट का वितरण भी किया गया। कार्यक्रम के दौरान ग्राम प्रधान निमिषा डसीला, हरिंदर सिंह, पूर्व प्रधान रामावतार, नंदन सिंह, दीवान सिंह, सुशील कुमार, महेंद्र कुमार, अजय कुमार, कैलाश सिंह आदि मौजूद रहे।
शक्तिफार्म:—रसायन मुक्त भोजन के लिये किसानों से खेती में आईपीएम की विधियां अपनाने पर जोर
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