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स्टांप पर भूमि खरीदने वालों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने की मांग

सितारगंज। प्रधान संगठन के जिला अध्यक्ष ने प्राकृतिक आपदा के चलते प्रस्तावित ग्राम सभा की खुली बैठक को मनरेगा सोशल ऑडिट को कुछ समय के लिए स्थगित करने व स्टांप पर भूमि खरीद कर गुजर बसर कर रहे लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने की मांग की हैं।
प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष भाष्कर सम्मल ने
जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा है कि वर्तमान में राज्य विगत दिनों अतिवृष्टि से आई आपदा से गुजर रहा है। पूर्व में ग्राम सभाओं की खुली बैठक व मनरेगा सोशल ऑडिट का कार्यक्रम अक्टूबर व नवंबर में निर्धारित किया गया हैं। उपरोक्त आपदा के कारण ग्राम पंचायतों में अत्यधिक क्षति हुई हैं। जिससे खुली बैठक व मनरेगा सोशल ऑडिट का किया जाना संभव नहीं हैं। साथ ही नवंबर के त्यौहारी महीना होने के कारण खुली बैठक व वार्षिक सोशल ऑडिट के कार्यक्रम को स्थगित करते हुए नई तिथि घोषित की जाये। कहा गया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत केवल वर्ग 1(क), स्वामित्व योजना वाले लाभार्थियों को ही आवास दिए जा रहे हैं। जिससे जनजाति की भूमि को स्टॉप में खरीद कर निवास कर रहे लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। मांग की गई है कि पूर्व की भांति पटवारी द्वारा लाभार्थी के निवास स्थान पर चौहद्दी निर्धारित कर जिस प्रकार से आवास लाभार्थियों को आवंटित किए जाते थे उस पर प्रक्रिया को पुनः चालू किया जाए। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि वर्तमान में मनरेगा मजदूरों का सरकार की तरफ से भुगतान नहीं किया जा रहा हैं। जिससे ग्रामीण मजदूर जनता में काफी रोष व्याप्त हैं। अत: मनरेगा मजदूरी का भुगतान शीघ्र किया जाए। जिलाध्यक्ष ने कहा कि उधम सिंह नगर सहित प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतों के 15वें वित्त व राज्य वित्त के खाते जनपद की एकमात्र शाखा इंडसलैंड बैंक में खोले गए हैं। उनके स्थान पर इन खातों को ग्राम पंचायत की निकटतम कंप्यूटरीकृत बैंक शाखा में खोलने का निर्देश दिया जाये। विगत दिनों आपदा से हुए नुकसान के मद्देनजर मनरेगा की अनुपूरक कार्य योजना बना ग्रामीण क्षेत्रों में हुए नुकसान का आंकलन कर तत्काल अनुपूरक कार्य योजना निर्माण करने के लिए संबंधित को आदेशित किया जाये। चेतावनी दी गई कि उपरोक्त समस्याओं का निस्तारण न किये जाने पर संगठन एक नवंबर से उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा।

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Prati Saptah

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